योगी आदित्य नाथ के भाषण से विवाद खड़ा हो गया है। योगी ने अपने भाषण मे ‘मोदी की सेना’ शब्द का प्रयोग कर दिया जिससे विपक्ष के नेताओ ने काफी अलोचना की और योगी जी के इस भाषण पर चुनाव आयोग ने भी हिदायत दी। और कहा कि यह भाषण निंदा करने वाला हैं, क्योकि एक वरिष्ठ नेता को अपने हर शब्द को बोलने से पहले सोचना समजना जरूरी हैं। हर शब्द का बोलने से पहले सावधानी बरतना बेहद जरूरी हैं।
चुनाव अयोग नेे अपने निर्देशो मे यह स्पष्ट किया की ‘रक्षा प्रतिष्ठान देश की सीमा’ सुरक्षा और गैर राजनीति एव तटस्थ भागीदार है। इसलिए यह जरूरी हैं की कोई भी राजनेता या रानीतिक दल अपने प्रचार-प्रसार मे सेना से जुडा कोई निर्देश देते वक्त अपने शब्दो मे सावधानी बरते।
सी एम योगी आदित्य नाथ के भाषण से विपक्ष को एक नया मौका मिल गया हैं, जिसका विपक्ष पुरा फायदा उठा रहा हैं। ‘मोदी की सेना’ शब्द से बीजेपी के नेता सेना का अपमान कर रही हैं ऐसा आरोप विपक्ष लगा रहा हैं। योगी के भाषण से विपक्ष की मांग पर चुनाव आयोग ने गाजियाबाद के जिला अधिकारी से पुरे मामले की रिर्पोट की मांग की ताकि पूरी जानकारी मिल सके की योगीजी ने अपने भाषण से आचार संहिता की सीमा पार की हैं या नही, उसके बारे मे पता चल सके और चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था की कोई भी राजनीतिक पार्टियाँ लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार मे सेना से जुडी कोई बात के सहारे चुनाव प्रचार नही करेगी या दुष्प्रचार नही करेगी।