उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बढ़ती महंगाई व कोरोना महामारी की मार को देखकर मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ा दिया है , अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है। उपमुख्यमंत्री ने श्रमिकों और कर्मचारियों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान करने का भी निर्देश दिया है।कोरोना महामारी के दौरान , गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
दर में बदलाव:
नई दरें एक अक्तूबर से जारी होंगी। अकुशल श्रमिकों के मासिक वेतन में 15,908 से बढ़कर 16064 रूपये की बढ़ोतरी और अर्ध-कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन में 17,537 से बढ़कर 17,693 रूपये की बढ़ोतरी हो गई है।
कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 19291 रुपये से बढ़ाकर 19473 रुपये किया गया है।
सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है।
गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17537 से बढ़ाकर 17693 रुपये, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19291 से बढ़ाकर 19473 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 20976 से बढ़ाकर 21184 रुपये कर दिया गया है।
सरकारी खर्चो में कटौती :
कोरोना महामारी और महंगाई के कारण बढ़ती भुखमरी को रोकने के लिए सरकार ने अपने खर्चो पर रोक लगाकर मजदूर हित के लिए उनकी मजदूरी में वृद्धि की है। इस बदलाव से मजदूर भाईयों को आर्थिक सहायता मिलेगी। दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। एक साल में दो बार मजदूरों के वेतन में वृद्धि की गई है।