सोमवार को हाईकोर्ट ने निजी सेक्टर में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए इमदाद में भारी बढोतरी का पथ उज्ज्वल कर दिया हैं। वर्तमान में EPFO ने कार्य मुक्त होने वाले सभी कर्मचारी की 15,000 रूपए तक की तनख्वाह को मध्य नजर रखते हुए उन्हें इमदाद देता हैं।
केरल की अदालत का कहना हैं, की कार्यमुक्त होने वाले सभी एम्प्लोइज को उनके अंतिम वेतन के अनुसार इमदाद मिलना चाहिए। तब EPFO ने केरल की अदालत के इस निर्णय के विरोध में हाईकोर्ट को दरख़ास्त दी थी। उसको हाईकोर्ट ने समाप्त कर दिया हैं। जानकारियों के अनुसार, सभी कर्मचारियों की अंतिम तनख्वाह और कार्यकाल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए उनकी इमदाद का आंकलन किया जाएगा। अर्थात् यदि किसी कर्मचारी की तनख्वाह प्रत्येक वर्ष 50,000 रूपए हैं, तो उनके कार्यमुक्त होने के पशचात लगभग 25,000 रूपए इमदाद मिलेगा।
बता दें,की इस नियम से पहले कार्यमुक्त होने वाले सभी कर्मचारियों को लगभग 5000 तक इमदाद मिलता था। पता चला हैं,की EPFO ने वर्ष 2014 में एक रिटायरमेंट किया था। जिसके पशचात निजी सेक्टर के सभी कर्मचारियों की 15,000 रूपए के आधार पर इमदाद देने की संस्वीकृति दी थी।
इससे पहले कर्मचारियों की इमदाद छः हजार चार सौ रूपए के आधार पर कर दी थी। इसके पशचात केरल के हाईकोर्ट ने EPFO द्वारा किए गए रिटायरमेंट पर कार्यमुक्त सभी कर्मचारियों को उनकी निवृत्ति के एक वर्ष पहले आधार पर इमदाद देने की घोषणा की थी। परन्तु उनकी 5 वर्ष की विवशता को बरखास्त कर दिया था। इसके पशचात यह विवाद हाईकोर्ट को सुनाया गया था। और हाईकोर्ट ने कार्यमुक्त सभी कर्मचारियों को उनकी पूरी तनख्वाह के आधार पर इमदाद देने का ऑर्डर दिया था। इस ऑर्डर का विरोद्व EPFO ने किया था। जिसे हाईकोर्ट नेेेे कल सोमवार को समाप्त कर दिया था।