बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार इन दिनों चुनाव सम्बन्धित मुद्दों पर एक-एक विधायक और सांसद से मिल रहे है|
मंगलवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई सांसदों से मुलाकात की, जिनमे बिहार उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी शामिल थे|
बिहार में चल रही सियासी अटकलों के चलते मुख्यमंत्री नितीश कुमार व हरिवंश नारायण सिंह के बीच लंबे समय बाद मुलाकात हुई|
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह जदयू पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे है, जदयू पार्टी से बायकोट होने के बाद भी वे संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए, जिसमे उन्होंने जदयू पार्टी से नाराज़गी वयक्त की|
बिहार में होने वाली राजनितिक फेरबदल के चलते सियासी अटकलें लगाई जा रही है|
मुख्यमंत्री नितीश कुमार फीडबैक लेने और चुनावी तैयारिओं के लिए एक-एक सांसद से मुलाकात कर रहे है|
बिहार के वर्तमान राजनैतिक हलचल और पीछे तीन-चार दिनों में घटनाक्रमों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है, कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार एक बार फिर एनडीए में आ सकते है|
महाराष्ट्र में एनसीपी में हुई टूट के जैसे हालात बिहार में जनता दल यूनाइटेड में हो सकते है|
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह 29 जून को बिहार गये, इसके पहले वो 5 बार बिहार 10 महीने में जा चुके है|
अमित शाह ने नितीश कुमार पर हमला करते हुए बोला था,कि बीजेपी के दरवाजे नितीश कुमार के लिए पूरी तरह बंद हो चुके है, लेकिन इस बार उन्होंने नितीश कुमार के खिलाफ कुछ नही कहा और उनकी अंतरात्मा जगाने वाले सवाल खड़े किये, कि नितीश कुमार सत्ता के लिए पार्टी बदलने वाला बताया|
शाह ने आरजेडी को 20 लाख करोड़ घोटाला करने वाली पार्टी कहा|
अमित साह के नरमी भरे रवैये से कयासबाजी शुरु हो गई कि पार्टी को भ्रष्टाचारी बता कर नितीश कुमार को वापिस पार्टी बदलने के लिए साजिस रची जा रही है|
इससे पहले भी 2017 को तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर बीजेपी ने नितीश कुमार को अपने पक्ष में कर लिया, जिसके दौरान नितीश कुमार ने आरजेडी से हटकर बीजेपी के साथ गठबंधन जोड़ लिया था|
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह जदयू पार्टी से राज्यसभा में सांसद है|
2018 में एनडीए पार्टी से उपसभापति चुने गये|
उनका कार्यकाल 2020 तक रहा, उस समय जेद्यु व एनडीए पार्टियां एक थी इसलिए उनको दूसरी बार राज्यसभा में जाने का मौका मिला एवम वो लगातार इस पद पर बने हुए है|
भारतीय संविधान के अनुछेद 89 के अनुसार उपसभापति को राज्यसभा द्वारा चुना जाता है,उपसभापति को पद से हटाने,इस्तीफा देने और कार्याकाल पूर्ण होने तक की शक्तियाँ राज्यसभा के पास होती है|