ऐसा लगता हैं कि मध्यप्रेदश में सियासी उलट.पुलट हो सकती हैं। इसका कारण कंाग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ सोमवार को मुलाकातहोगी। मीडिया रिपोर्ट के तहत सोमवार को देर रात को लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई। इस मिलाप से भाजपा से लेकर कांग्रेस विभाग में हडबडी मच गई हैं। ज्योतिरादित्य देर रात को भोपाल पहुंचे थे। यहां आने पर वह कांग्रेस के श्रेषृतर नेता अशोक जैन भाभा को उनके घर पर श्रद्वांजलि देने के लिए गए। इसके बाद वह चैहान से मिलने के लिए उनके निवास स्थान पहुंचे। यह बताया जा रहा हैं।
कि सिंधिया के भोपाल पहुंचने पर उनके समर्थको तक को इस मुलाकात के बारे में कुछ भी नहीं पता था। सूत्रों का कहना हैं कि दोनो नेताओं ने शासन की मौजूदा राजनीतिक परिस्थियों से लेकर सरकार के कामकाज पर विवादग्रस्त किया। इस मिलन को लेकर सिंधिया का कहना हैं कि यह एक विम्रता मुलाकात थी। चुनाव के दौरान भाजपा ने माफ करो महाराज के जुमले का प्रसार किया था। जब उससे यह पूछा गया कि क्या वह इसकी कडवाहट भूल गए हैं। तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं ऐसा व्यक्ति नही हूॅ जो कठोरता लेकर पूरा जीवन बिताउं। रात गई,बात गई। मैं आगे की सोचता हूॅ। विपक्ष की लोकतन्त्र में सरकार के पक्ष के बराबर की भूमिका होती हैं। राज्य की राजनीतिक परिस्थित की बात करें तो एक सप्ताह के अन्दर भाजपा के दो नेताओं की हत्या हो चुकी हैं।
जिसे लेकर शिवराज ने प्रदेश सरकार को आडे हाथ लिया था गुरूवार को50साल के मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रलाद
बंधवार को बीच चैराह पर गोली मार दी गई थी। वहीं इंदौर में 45 साल के व्यापारी व स्थानीय बिल्डर संदीप अग्रवाल व्यास्त बाजार में हत्या कर दी गई थी। शिवराज चैहान ने इन हत्याओं का तिरस्कार किया था। औंर मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक चिटृी लिखी थी। उनसे इन मामलों की कार्रवाई उच्च स्तरीय समिति से करने को कहा गया था। चैहान ने इलजाम लगाया था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सन्ता आने के बाद अचानक हत्यारों की नैतिकता ब-सजय गई हैं। भाजपा नेता मनोज ठाकरे का शव रविवार को बडवानी में मिला था। एक सप्ताह से कम समय के अंदर यह दूसरे भाजपा नेता की हत्या थी।