केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने और उसका रखरखाव करने के लिए पिछले महीने के अंत में ई-श्रम पोर्टल शुरू किया था।
मुख्य श्रम आयुक्त डी पी एस नेगी ने ई-श्रम पोर्टल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इंडियन ऑयल, गेल और एसबीआई सहित प्रमुख फर्मों और मजदूर संघों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य श्रम आयुक्त ने मजदूर संघों के नेताओं से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पोर्टल पर पंजीकरण के लिए अपना समर्थन देने का आग्रह किया और ई-श्रम कार्ड से मजदूरों को होने वाले लाभ के बारे में बताया।
ई -श्रम कार्ड के लाभ :
ई-श्रम पोर्टल देश में 38 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों का नि:शुल्क पंजीकरण करेगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के वितरण में मदद करेगा।
प्रत्येक पंजीकृत कार्यकर्ता को एक विशेष नंबर के साथ ही ई-श्रम कार्ड दिया जाएगा, जिसके जरिये उन्हें देश भर में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा मिल सकेगा।
ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित कामगार के लिए दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर का भी प्रावधान है। यदि पोर्टल पर पंजीकृत कोई कामगार दुर्घटना का शिकार होता है, तो मृत्यु या स्थायी रूप से शारीरिक विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये दिए जायेंगे।
पंजीकरण के इच्छुक श्रमिकों की मदद के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर – 14434 भी जारी किया गया है। इसका मकसद मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी को राज्य सरकारों के विभागों के साथ भी साझा किया जायेगा। यह पोर्टल निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों, दूध वालों, मछुआरों, ट्रक चालकों सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मदद करेगा।