टोक्या ओलंपिक में कुश्ती के 50 किलो में कोटा हासिल करने वाली 26 वर्षीय पहलवान सीमा बिसला ने देश को ओलंपिक खेलो मे पदक दिलाने की ठान रखी हैं जिसके लिए वह झांसी की रानी की भांति मर्दो से कन्धे से कन्धा मिलाकर अभ्यास में व्यस्त हैं।
ओपी वशिष्ट रोहतक की रिपोर्ट के अनुसार बिसला ने अपने आरे में बताते हुए कहा कि उनका बचपन से ही अंतरराष्ट्रीय खिलाडी बनने का सपना था जो कड़ी मेहनत व जज्बे के साथ पुरा हो गया। अब उनका दुसरा लक्ष्य ओंलंपिक मे देश के लिए पदक जीतना हैं।
बिसला के पिता आजाद सिंह कैंसर से पीडित हैं। सीमा बिसला पदक जीतकर पिता को खुशी देना चाहती हैं।
सीमा बिसला के अवार्डस-
कुश्ती के क्षेत्र में कदम रखा-2007
सब जूनियर एशियन चैंपियनशिप में पहली बार पदक जीता-2009-10
काॅमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक- 2018
हाल ही में बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित ओंलंपिक क्वालिफायर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
अपनी प्रतिभा व आत्मविश्वास से देश की बेटी सीमा बिसला ने देश का बहुत नाम किया हैं तथा उनकी ये कोशिश आगे भी जारी हैं।