जयपुर | विद्याधर नगर सेक्टर 9 में आग लगने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मृत्यु हो गयी ! आज तीये की बैठक मे संगीता गर्ग प्रदेश सचिव राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने पहुंच परिवार जनो को ढांढस दिया ! यह बहुत ही हृदयविदारक एवं दुखद घटना है ! प्रभु सभी दिवगंतों को श्री चरणों मे स्थान प्रदान कर आत्मा को शांति दे ! एवं परिवारजनों को ईश्वर इस कठिन घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति व धैर्य प्रदान करें !
…..इस तरह के हादसें सरकार एवं प्रशासन की समुचित व्यवस्थाओं के अभाव को दर्शातें है ! आये दिन आगजनी की घटनायें हो रही है लेकिन क्या सरकार और प्रशासन तक ये सब पहुंच नही रहा ? या जानते हुये मुक दर्शक बन,अनजान बन असंवेदनशीलता की शर्मनाक पराकाष्ठा है ! कोई उचित प्रावधान ना कर पाना लचर व्यवस्थाओं का आईना है ! ऐसे दृश्य आम नागरिकों की पीडा को उजागर करते है ! प्रशासन एवं सरकार पर सवालिया निशान लगाते है! जिन्मेदार लोग अपनी जवाबदेही एवं जिम्मेदारियों से भाग नही सकते ! आपकी लापरवाहीयों एवं संसाधनो के अभावों का खामियाजा आम जन भुगत रहा है !
लाख कोशिश के बावजूद फायरब्रिगेड पहुँचती नही है और जब पहुँचती भी है तो उसकी सीढी खुलती नही है और न पाइप पहुँचता है ! सरकारी अमला, जिसे सालभर इसी दिन के लिए जनता की खून पसीनों की कमाई से करोड़ो रूपये तनख्वाह में दिए जाते है और रिटायरमेन्ट के बाद पेंशन भी दी जाएगी, प्रशिक्षण पर भारी खर्चे के बावजूद न तो इस बात के लिए प्रशिक्षित था और न मानसिक रूप से तैयार कि ऐसी परिस्थितियों में किया क्या जाता है,
इस मामले में आम इंसानों की जिंदगी पर सरकार का दृष्टिकोण उजागर होता है, मामले की लीपापोती के तहत दोषियों को राजस्थान सर्विस रूल्स की धारा 17 सी.सी. अंतर्गत नोटिस दिए जाते है। 17 सी सी के मायने होते है लापरवाही के लिए “माइनर पनिशमेंट” जिसमे वार्निंग मेमो से लेकर अधिकतम सैलरी इंक्रीमेंट रोके जाने के प्रावधान है। पांच मासूम जिंदगियों की कीमत “माइनर पनिशमेंट”, मात्र वार्निंग मेमो?
17 सी सी के नोटिस इशू होते है और वो भी किनको फायर ब्रिगेड के सबसे निचले तबके के कर्मचारियों के नाम! इस मामले में मेयर, फायर कमिटी के चेयरमेन, चीफ फायर ऑफिसर पर एफ.आई.आर. क्यो नही दर्ज होती।