राजस्थान उपचुनाव | राजस्थान में अब हर क्षैत्र और हर वर्ग मे ऐसा आम आदमी देखने को मिल जाएगा कि पिछले चार सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा न कुछ नही किया आैर भाजपा का कार्यकर्ता आपको यह कहता मिल जाए कि इस बार पार्टी के लिए चुनावों में राह आसान नहीं है. अौर अगर ऐसा भाजपा कार्यकर्ता कह रहा है तो यह राज्य मे सत्ता पार्टी के लिए असंतोष का साफ संकेत है. पार्टी यहां अलवर,अजेमर अौर मांडलगढ़ में सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है. भाजपा के पुराने कार्यकर्ता इस लिए भी चिंतित हैं कि इन चार सालो का गुस्सा अब उपचुनावो मे फूट सकता है. यह पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. प्रदेश में आगामी दस महीने बाद होने वाले चुनावो का भी पूर्वाभास इन चुनावो में जनता सता पार्टी को करवा सकती है
अजमेर अौर मांडलगढ़ मे भाजपा के खेमे में माहौल तनाव का है क्योकि यहा पर भाजपा कई हिस्सो मे नजर आ रही है और कार्यकर्ता भी अभी अपनी ही पार्टी से दूरी बनाए हुए है ।
भाजपा नेत्तत्व भी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि भाजपा कार्यकत्ताओ को तीन साल सत्ता से दूर रखने के कारण नाराजगी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है क्यों कि जब भी कोई कार्यकर्ता अपनी पार्टी के नेताअो के पास अपनी कोई मांग या संमस्या लेकर गया तो सत्ता पक्ष ने अपने कान बंद कर लिए पर अब कार्यकर्ता ऊपर से भले ही सब कुछ शांत लगे, अंदर ही अंदर आग सुलग रही है और भाजपा कार्यकर्ता मतदान के दिन का इन्तजार कर रहा है ।
एक पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, ‘अपनी पार्टी से नाराजगी से ज्यादा, किसान,कर्मचारी,व्यापारी की नाराजगी मुद्दा है जो भाजपा को इन उपचुनावो मे ज्यादा परेशान कर रहा है और भाजपा पार्टी का आधार व्यापारी अौर कर्मचारी ही है ।
पार्टी आज जो है वह हमने बनाई है इसलिये यह स्वाभाविक है कि अगर वे हमारा पाला छोड़ते हैं तो इसका असर गहरा होगा.’
भाजपा कार्यकर्ताओ का माना कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है,